एयर टाइटनेस टेस्टिंग मशीन का उपयोग विभिन्न उत्पादों जैसे कंटेनर, पैकेजिंग और निर्माण घटकों की वायुरोधकता मापने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि उत्पादों में हवा का रिसाव न हो, जिससे खराबी, प्रदूषण या प्रदर्शन में गिरावट हो सकती है। नीचे एयर टाइटनेस टेस्टिंग मशीन के कार्य सिद्धांत का विवरण दिया गया है:
1. नमूना तैयार करना
नमूना चयन: परीक्षण के लिए उत्पाद का चयन उसकी वायुरोधकता की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर किया जाता है। यह एक कंटेनर, सील या भवन का कोई घटक हो सकता है।
स्थिति निर्धारण: चयनित नमूने को परीक्षण कक्ष या फिक्स्चर में सुरक्षित रूप से रखा जाता है। यह कक्ष परीक्षण के लिए नियंत्रित वातावरण तैयार करता है।
2. परीक्षण कक्ष को सील करना
कक्ष बंद करना: मशीन का परीक्षण कक्ष बंद और सील किया जाता है ताकि बाहरी वातावरण और कक्ष के अंदर की हवा के बीच कोई आदान-प्रदान न हो। इससे दबाव में होने वाले परिवर्तन सटीक रूप से मापे जा सकते हैं।
वैक्यूम या प्रेशर स्रोत से कनेक्शन: किए जा रहे परीक्षण के प्रकार (वैक्यूम या पॉजिटिव प्रेशर) के आधार पर, कक्ष को वैक्यूम पंप या प्रेशराइजेशन सिस्टम से जोड़ा जाता है।
3. परीक्षण प्रक्रिया
वैक्यूम परीक्षण: वैक्यूम परीक्षण में, कक्ष से हवा निकाल दी जाती है ताकि दबाव में अंतर उत्पन्न हो। आंतरिक दबाव को वायुमंडलीय दबाव से कम किया जाता है और नमूने की वैक्यूम बनाए रखने की क्षमता मापी जाती है।
प्रेशर परीक्षण: प्रेशर परीक्षण में, कक्ष के अंदर हवा प्रविष्ट की जाती है जिससे दबाव बढ़ता है। मशीन यह मॉनिटर करती है कि नमूना इस दबाव को कितनी अच्छी तरह बनाए रखता है।
4. मापन और निगरानी
दबाव सेंसर: मशीन में दबाव सेंसर लगे होते हैं जो परीक्षण के दौरान लगातार कक्ष के दबाव की निगरानी करते हैं। ये सेंसर वास्तविक समय में डेटा प्रदान करते हैं।
लीक डिटेक्शन: यदि नमूना पूरी तरह वायुरोधक नहीं है, तो हवा का रिसाव अंदर या बाहर होगा जिससे दबाव में मापने योग्य परिवर्तन होगा। मशीन इस परिवर्तन को दर्ज करती है, जो लीक की उपस्थिति दर्शाता है।
डेटा रिकॉर्डिंग: मशीन में एक डेटा अधिग्रहण प्रणाली होती है जो समय के साथ दबाव के रीडिंग को लॉग करती है। यह डेटा आगे के विश्लेषण या गुणवत्ता नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है।
5. परिणामों का विश्लेषण
लीक दर की गणना: मशीन निर्दिष्ट समय अवधि में दबाव परिवर्तन के आधार पर लीक दर की गणना कर सकती है। यह दर आमतौर पर आयतन (जैसे कि घन सेंटीमीटर प्रति सेकंड) में व्यक्त की जाती है।
पास/फेल मानदंड: परिणामों की तुलना पूर्वनिर्धारित मानकों से की जाती है। यदि लीक दर स्वीकार्य सीमा से अधिक है, तो उत्पाद परीक्षण में असफल होता है।
6. परीक्षण के बाद की प्रक्रिया
दबाव मुक्त करना और निकालना: परीक्षण पूरा होने के बाद, कक्ष को सुरक्षित रूप से डिप्रेशराइज किया जाता है और नमूना बाहर निकाला जाता है।
निरीक्षण और रिपोर्टिंग: मशीन परीक्षण परिणामों की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रदान कर सकती है, जिसमें दबाव परिवर्तन के ग्राफ, गणना की गई लीक दर और पास/फेल स्थिति शामिल होती है।